वो जो मर गया खपते -खपते
कोई बता पाए उसे
तो दुआ सलाम
के साथ ये भी बता दे
कि कर्ज़े आज भी नहीं उतरे,
दीवार मकान की नहीं चढ़ी,
पडोसी आज भी लड़ता है ,
सड़क पर गड्ढा है ,
छुट्टी के दिन भी काम करती है बीवी ,
बाहर खराब है वातावरण
और राजनीति ,
महंगाई नहीं रुकेगी ,
सस्ताई विचारों में है ,
इंसान पैदा हुए जा रहे हैं ,
जमीन सबको चाहिए ,
पैसा ही पालनहार है ,
पढ़ाई बेकार है ,
शहर में चोरी चकारी है , मारा मारी है ,
गाँव से पलायन जारी है ,
जी कर कोई नहीं राज़ी ,
सब रोज़ ही मर रहे हैं
कुछ खुलेआम
कुछ खुलेआम
कुछ छुपते - छुपते ,
वो जो मर गया खपते -खपते
कोई बता पाए उसे
तो दुआ सलाम
के साथ ये भी बता दे
कि
बच्चे जुट गए हैं ज़िम्मेदारी सँभालने में ।
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