Saturday, 14 September 2019

ज़िम्मेदारी (ZIMMEDARI)

वो जो मर गया खपते -खपते 
कोई बता पाए उसे 
तो दुआ सलाम 
के साथ ये भी बता दे 
कि कर्ज़े आज भी नहीं उतरे,
दीवार मकान की नहीं चढ़ी,
पडोसी आज भी लड़ता है ,
सड़क पर गड्ढा है ,
छुट्टी के दिन भी काम करती है बीवी ,
बाहर खराब है वातावरण 
और राजनीति ,
महंगाई नहीं रुकेगी ,
सस्ताई विचारों में है ,
इंसान पैदा हुए जा रहे हैं ,
जमीन सबको चाहिए ,
पैसा ही पालनहार है ,
पढ़ाई बेकार है ,
शहर में चोरी चकारी है , मारा मारी है ,
गाँव से पलायन जारी है ,
जी कर  कोई नहीं राज़ी ,
सब रोज़ ही मर रहे हैं 
कुछ खुलेआम 
कुछ छुपते - छुपते  ,
वो जो मर गया खपते -खपते 
कोई बता पाए उसे 
तो दुआ सलाम 
के साथ ये भी बता दे
कि 
बच्चे जुट गए हैं ज़िम्मेदारी सँभालने में । 

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