जो ईमान किताबों में पाया जाता है
कुछ दिन
हू ब हू किया काम,
पहले पहल जब कारोबार था नया
खूब उछाले नाम
मचाया कोहराम,
फिर एक दिन पा सही दाम
मंज़िल पा ली,
वो गंदी नाली
जिसका वास्ता दे दे जुटाई भीड़
उसी भीड़ में से वो मशहूर चेहरा निकल के
दिखा रहा है सपने सुनहरे कल के,
फ़र्क इतना है कि
पिछले कल तक थे तीमारदार दुनिया के
आज फायदे गिनाते हैं चिकनगुनिया के।
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