Tuesday, 1 September 2020

क्या दिल पे गुज़री

 


क्या दिल पे गुज़री, कैसे गुज़ारा वक़्त ,

क्या बताएं  सच ,क्या सुनोगे अब,

ये जो बटोरी तुमने

उम्र दे कर समझ,

अच्छा है,

वर्ना

कल भी वही थे लफ्ज़,

आज भी वही हैं लफ्ज़।


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